5 Simple Techniques For hanuman chalisa

तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।

Currently being thoroughly aware about the lack of my intelligence, I pray to you the son of Pavan, the Wind God (Hanuman). I humbly ask you to definitely grant me energy, intelligence and understanding and choose absent all my afflictions and shortcomings.

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा ।

Anjana offers beginning to Hanuman within a forest cave, following being banished by her in-laws. Her maternal uncle rescues her from the forest; though boarding his vimana, Anjana unintentionally drops her child on a rock. Nonetheless, the newborn stays uninjured while the rock is shattered. The newborn is elevated in Hanuruha, Therefore acquiring the identify "Hanuman."

tumaTumaYou rakshakaRakshakaProtect kāhūKāhūWhy? or of whom daranāDaranāBe afraid This means: Using refuge in you 1 finds all pleasure and Pleasure; you’re the protector, why be feared?.

No words and phrases can explain the bliss and Pleasure anyone feels every time they read, recite, chant, sing, and/or listen to Hanuman Chalisa every day. This e-book will boost your encounter and comprehension of this awesome hymn, and provide you For many years to come back.

व्याख्या– ‘पिताँ दीन्ह मोहि कानन राजू‘ के अनुसार श्री रामचन्द्र जी वन के राजा हैं और मुनिवेश में हैं। वन में श्री हनुमान जी ही राम के निकटतम अनुचर हैं। इस कारण समस्त कार्यों को सुन्दर ढंग से सम्पादन करने का श्रेय उन्हीं को है।

अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषण:।

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द: भजन

व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।

भावार्थ – भगवान् श्री राघवेन्द्र ने आपकी बड़ी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुम भाई भरत के समान ही मेरे प्रिय हो ।

भावार्थ – आपने अत्यन्त विशाल और भयानक रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया और विविध प्रकार से भगवान् श्री रामचन्द्रजीं के कार्यों को पूरा किया।

दक्षिण भारत की प्रदिद्ध बाल गायिका सूर्यगायत्री click here के मुख से हनुमान चालीसा पाठ

भावार्थ – अनन्त काल से आप भगवान श्री राम के दास हैं। अत: रामनाम-रूपी रसायन (भवरोग की अमोघ औषधि) सदा आपके पास रहती है।

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